आती होगी ना उनको भी अपनें कटी पतंगों कि यादें जो उड़ गयी क्षितिज में और फिर न लौट आएंगे उन पतंगों की यादें। मुझको तो है याद मेरे दोस्त वो बत्तीस रुपैये कि लटाई वो मांझे की सरस...
Together, under a clear blue sky
Together, under a clear blue sky